कभी जलता शोला कभी बुझी राख हूँ मै खुद ही से बेखबर न जाने कैसी आग हूँ मै अंधेरों सा राज़ हूँ या उजालों सी कहानी? खुद ही से बेखबर न जाने कौनसा अंदाज़ हूँ मैं कभी लहेरो सा शोर हूँ कभी वीराने सा खामोश हूँ खुद ही से बेखबर न जाने कैसी आवाज़ हूँ मैं न किसी की चाहत हूँ न अपनी चाहतों के करीब वक्त से भी बेखबर न जाने कैसा इंतज़ार हूँ मैं न किसी ख्वाहिश की जीत हूँ बस अपने ज़रूरतों की हार हूँ किस से हूँ बेखबर? न जाने कौनसा इंतहान हूँ मैं हर मुकाम की आखिरी मेहमान हूँ आप-देखा अधूरा ख्वाब हूँ क्या ज़िंदगी का एक नमूना, बस कुछ सांसों का सार हूँ? जाने इस मंच का क्या किरदार हूँ मैं!! न जाने कौन हूं मै, न जाने क्या हूं!! #yqdidi #yqbaba #anjaani