बचपन और गिल्ली डंडा दिखते नही तेरे मौहल्ले मे वो गिल्ली डण्डे वाले नजारे! जीत हार मे हर वक्त में,,,अंदाज सिकदंर सा लगता,, बचपन ------हर गली गली मे सुने नजारे वो शोर कहाँ ,,गल्ली डण्डो का,,, जिसमे जीत हार के लम्हो मे भी मुहोब्बत के दर्शन होते चेहरो पर होती असीम लकीरे जीत हार के लम्हो की