"मंज़िल दरवाजे पर दस्तक दे रही थी, और वो दहलीज़ पर आकर ठहर रहे थे.. उनके गली से गुजर रहा है जनाज़ा मेरा, उधर वो अपने बारात के लिए सँवर रहे थे ।" ©Sagar Raj Gupta #alone_Sagar___In_search_of_aloneness_ #_Sagar_Creation #_My_Shayari_is_my_life_ #_Sagar_the_king_of_words_ #_Sagar_the_Shayar_ #_दिल_के_करीब_ #Sagar_Sir_Bettiah #Sagar_the_king_of_words