Alone हम इस पार, वो उस पार..... बीच हमारे गंगा की धार तैरने की जिद पर अड़े है हम किनारे खड़े होकर नहीं होती नौका पार l हम इस पार, वो उस पार...... सोच-सोच कर कटे दिन,याद में दी रातें गुजार समय की मांग है अभी दूर रहने की, ना कुछ वश में, ना कर सकते कोई विचार l हम इस पार, वो उस पार....... एहसास की कश्ती पर होकर सवार जो बात कल तक छिपाते थे खुद से ही, भरी महफिल में अब करने लगे स्वीकार l हम इस पार, वो उस पार...... मन में उमड़ा लहरों का ज्वार अमावस्य, पूर्णिमा की नहीं है इसको खबर, है ये दिलों का मिलन,नहीं गले मिलने का त्यौहार l हम इस पार, वो उस पार...... जीत गए वो, जिस पर गए हम दिल हार एहसास ने एहसास को न जाने कब एहसास कर लिया, मान रहे जिसे हम जिंदगी, दुनिया वाले कहते है उसे प्यार l ✍️✍️नीलेश सिंह ©Nilesh #unconditional💖