मृत्यु आघात कर भी दे तो रूह से अलविदा न कहना, क्षणभंगुर जीवन को त्याग परन्तु देह से लगाव न करना हर सू मन मोहित हो जाएगा,बन मनस्वी नियंत्रण रखना, तनिक लोभ में कलुषता,प्रलग्भ की राह कदापि न चलना नैनन विचलित होते है देख बाजारवाद की चमकदार को, कर निज सुदृढ आत्मा व कर्मा को भावनाओं में न बहना, वास्तविकता के दर्पण से सदैव चिर परिचित ही रहना तुम, मिलेगा निर्वाण इस जीवन मे कभी इससे मुख न चुराना। ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।