गुंजाइश ही नहीं किसीको पनाह मिलने की, मकान-ए-दिल अब तन्हाईयों से लबरेज़ है। लबरेज़=Full #लबरेज़ #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़