तुम्हारे शहर मे दुख के बादल छा रहे है, वो प्यार के लम्हें अब याद आ रहे है, और छोड़ कर गए थे हमें बीच राहो मे, हिचकिया बता रही है मुझे आज भी, तुम्हे आज भी हम बहुत याद आ रहे है।। ©कवि मोहित मेरोठा हिचकिया बता रही है मुझे आज भी तुम्हें याद आ रहे है 😊😊 #kavimohitmerotha #Nojoto #instagraam Isolated poetry, हिंदी,उर्दू लफ्ज