बचपन और लोरी 🍃 देखा , पत्तों पर आज बसंत देखा उछल -कूद करती गिलहरियों का मृदंग देखा मन -भावन बहती हवा का अविरल जल तरंग देखा नये-नये किसलय लिये फूलों का विविध रंग देखा टहनी पर बसंत देखा टहनी पर बसंत देखा !! #BachpanAurLori