//बचपन// ******* बचपन की कुछ प्यारी यादें, मुझको बड़ा सताती हैं। जाने क्यूँ रह रह कर मुझको, दोस्तों की याद आती है। हर पल मस्ती, हर पल झगड़ा, पर न कभी अलग हुए। ये कहानी है बड़ी सुहानी, पर आँख में आँसू लाती है। बारिश में यूँ भीगा करते, कागज की नाव चलाते थे। डर के कारण घर में हम, बस दबे पाँव ही जाते थे। पापा की डाँट, माँ का गुस्सा, हँसकर ही सह जाते थे। लेकिन कभी हम धोखे से भी, जुबान नहीं चलाते थे। जाने कहाँ गई वो रहमत, क्यूँ लौट के न वो आती है। जाने क्यूँ रह रह कर मुझको, बचपन की याद सताती है। बचपन (#kkबचपन) 25 अप्रैल 2021 ************************ Pic Credit :- Pinterest बचपन की कुछ प्यारी यादें, मुझको बड़ा सताती हैं। जाने क्यूँ रह रह कर मुझको, दोस्तों की याद आती है। हर पल मस्ती, हर पल झगड़ा, पर न कभी अलग हुए।