वो काले काले बालों वाली गोरा गोरा गाल है, खूब घनेरी लंबी ज़ुल्फें लगती क्या कमाल है... सपाट हिमालय के पर्वत जैसी माँग है उसकी, भवों के बीच बिन्दी अनसुलझा एक सवाल है... आँखें है उसकी या झील में गहरी खाई है, डूब गया वो बाहर आये किसकी ये मजाल है... कितनों की वो जान है लेती अपनी एक मुस्कान से, होंठ हैं उसके,जादू है या मछली वाला जाल है... जब वो बोले मुँह को खोले शीरीं उसके बोल हैं, मीठे मीठे बोलों में भी कितना बड़ा बवाल है... जब वो चलती दिलों पे कितनी छुरियां चलती, क्या खूब निराली उसकी हिरनी जैसी चाल है... ©मोदस्सिर अहमद #splash2020 #nojoto_hindi #nojoto #zulf #kale_baal #khusboo