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आज सुकू से सो लेता हूँ, बिना कांधो के भी रो लेता ह

आज सुकू से सो लेता हूँ, बिना कांधो के भी रो लेता हूँ
ढोता रहता हूँ सारा दिन झूठ का बोझ, सांझ ढलते ही कांधो को धो लेता हूँ
आज मैं सुकू से सो लेता हूँ, बिना कांधो के भी रो लेता हूँ

©Death_Lover
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