मैं तो नारी हूँ बस साथ तुम्हारा चाहती हूँ इस जीवन रूपी नैया को साथ तुम्हारे बस पार लगाना चाहती हूँ हम दोनों ही आधार हैं इस छोटे से संसार की यूँ ही संग रहें हमेशा बस इतना ही चाहती हूँ दर्द अगर होता है तुम्हें तो मैं भी तड़प जाती हूँ पर जब कभी दर्द हो मुझे तो तुम भी हाल मेरा मुझसे पूछो मैं तो बस इतना चाहती हूँ मैं नारी हूँ मैं तो बस साथ तुम्हारा चाहती हूँ तुम भी जाते हो कर्तव्य पथ पर मैं भी जाती हूँ थक तो दोनों ही जाते हैं तो फिर क्यों मैं ही ताने खाती हूँ घर आते ही तुम कहीं गुम हो जाते हो उस दर्द को तुम कभी मुझसे भी तो पूछो कि मैं कैसे सह पाती हूँ मैं तो नारी हूँ बस साथ तुम्हारा चाहती हूँ -Amar Bairagi #नारी_आत्मसम्मान #नारी_शक्ति_को_नमन