देख लेते हैं चुपके से आकर, खुश होते हैं सामने पाकर, माँ-बाप अपने बच्चों को आजकल, मिलते आते हैं उनके घर जाकर। बड़े शहरों और नौकरी की विडंबना है, अब बच्चों को उनसे दूर रहना है। कभी सब मिलकर साथ रह लेते थे, जबान की गर्मी चुपके से सह लेते थे, पर अब जमाना बदल गया है, छोटे फ्लैटों में सामान ज्यादा आता है, माँ बाप के रहने के लिए कमरा कम पड़ जाता है। बेटे चुपके से कह देते हैं, हम दुसरे घर में रह लेते हैं। शुक्र है कुछ घर आज भी गर्मी सह लेते हैं, बेटे माँ-बाप के साथ रह लेते हैं। चुपके से... #चुपकेसे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi