हज़ारों चेहरे थे महफ़िल में हमारी आँखों में फिर भी नमी थी किसी चोट से ज़ख़्मी नहीं थे हम ये तो बस महफ़िल में तुम्हारी कमी थी.. -यामिनी आनंद ✍💖 #yaminianand#yaminianandpoetry#shayari#nojoto