उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता वह दिन गये कि मुहबबत थी जान की बाज़ी किसी से अब कोई बिछडे तो मर नही जाता ©Mujahid Khan Mujahid Khan #OneSeason #mujahidkhan