अब फ़र्ज़ को मैं कर्ज़ बना के चल रहा हु आग के दरिये सा है ये समाज । आग से ! इस समाज के तानो से जल रहा हु तुम मुझे गिरना चाहते हो! मैं गिरने को तयार हूं नही !रुको!अभी छोड़ो अपने माँ बाप के लिए सम्हल रहा हूँ #फ़र्ज़ #आत्मसमर्पण#दबाव#अवसाद