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हम पे चोरी का इल्ज़ाम लगा खुद चोरों की तरह आते हैं

हम पे चोरी का इल्ज़ाम लगा खुद चोरों की तरह आते हैं,
चोर तो कभी दारोग़ा बन कर के सामान तलाशने आते हैं।

न जाने क्या रहा किसी का हमारे पास कुछ कीमती सामान,
सोच-सोच के हम भी बस हैरान हुए बिना नहीं रह पाते हैं।

जीने का शायद उन का अन्दाज़ यही हो या नहीं भी हो,
किंकर्तव्यविमूढ़ हो बस हर बार यही सोचते ही रह जाते हैं।

चालाकी हो या फिर नादानी, परहेज़ नहीं हमें इन बातों से,
फिर भी क्यों बस जिज्ञासावश नियन्त्रण नहीं रख पाते हैं।

धोखाधड़ी, जालसाज़ी, चालाकी कुछ भी हो, हमें इससे क्या,
हम बस इन सबसे प्यार की भाषा को ही तो समझ पाते हैं।

लाख हो छल या मक्कारी क्या होगा आखिर ज़्यादा से ज़्यादा,
मग़र जेबें अपनी खाली करवा कर भी लौट कहाँ आ पाते हैं। #दारोग़ा
#परहेज़ 
#धोखाधड़ी 
#जालसाज़ी 
#मक्कारी 
#किंकर्तव्यविमूढ़ 
#yqhindi 
#bestyqhindiquotes
हम पे चोरी का इल्ज़ाम लगा खुद चोरों की तरह आते हैं,
चोर तो कभी दारोग़ा बन कर के सामान तलाशने आते हैं।

न जाने क्या रहा किसी का हमारे पास कुछ कीमती सामान,
सोच-सोच के हम भी बस हैरान हुए बिना नहीं रह पाते हैं।

जीने का शायद उन का अन्दाज़ यही हो या नहीं भी हो,
किंकर्तव्यविमूढ़ हो बस हर बार यही सोचते ही रह जाते हैं।

चालाकी हो या फिर नादानी, परहेज़ नहीं हमें इन बातों से,
फिर भी क्यों बस जिज्ञासावश नियन्त्रण नहीं रख पाते हैं।

धोखाधड़ी, जालसाज़ी, चालाकी कुछ भी हो, हमें इससे क्या,
हम बस इन सबसे प्यार की भाषा को ही तो समझ पाते हैं।

लाख हो छल या मक्कारी क्या होगा आखिर ज़्यादा से ज़्यादा,
मग़र जेबें अपनी खाली करवा कर भी लौट कहाँ आ पाते हैं। #दारोग़ा
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#मक्कारी 
#किंकर्तव्यविमूढ़ 
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juhigrover8717

Juhi Grover

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