सनम तु परवाना है वक्त का, वक्त की लहरो में बस कर रह जाता रहमान सा तु,,,, सनम एक ईश्वर पैगम्बर होता है जिसके विश्वास पर एक नारी का विश्वास व मर्यादा टिकी होती है,,,,,,,इस दुनियाँ मे हजारों कंधे है लेकिन वो एक कंधा जिस पर रख अपना सिर हर एक नारी अपने दुख सुख साझा करती है,,,वो बेजोड कंधा है""सनम"",,,,,,,सनम मुलत प्यार का प्रतिक है लेकिन वह विश्वास हिफाजत व नारी की मर्यादा का प्रतिक है,,,,,,,,,सनम वह इंसान होता है जो हजारों भीड मे किसी महिला को अपना सिर उठा कर चलने का अधिकार देता है ,, दुनियाँ उसके आगे नतमतस्तक रहती है,,, अन्यथा किसी महिला का जीना दुस्कर हो जाता है,,,,,,,,सनम नारी को पुरुष त्व से जीना का अधिकार देता है,,,,, ओम भक्त मोहन बनाम कलम मेवाड की9549518477