ताउम्र चाहा मगर चाहत पूरी न रही,फिर कभी उस*बेदर्द को *उल्फत ज्यादा न रही//१
*निष्ठुर*प्रेम
अब के साजिश उस*कमजर्फ ने रची,कि जिसको"जरफे_मुरव्वत ज्यादा न रही//२
*अयोग्य,ओछा*बर्दाश्त के लिहाज
खास तो मै भी हूँ लेकिन ये मुक़्क़दर है मेरा,मुझे*रुसवा करके उनमें हिम्मत जियादा न रही//३*बदनाम
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