'कायरता' क्यूं मजबूर हो जाता है कोई, अनंत के अंत को, उदासीन जीवन को, और घिर जाता है अवसाद से, विदित तो है सितारों की दुनियां भी, लेकिन कौन जाने उनके अंतर्मन की, मुस्कान लिए चेहरे पर, धुंधली-सी शिकन माथे पर, जो दिखती थी हमें प्रत्यक्ष, असलियत तो थी सिर्फ उसके ही समक्ष, त्याग दिया एक क्षण में सब, लेकिन खड़ा कर दिया एक सवाल, एक मलाल.. क्या क़ायम करनी थी यही मिसाल ? कुछ नहीं बचेगा या कुछ बचाना ही नहीं, तो सामने तुम आये क्यों नहीं, अभिनय तो किया बहुत खूब, और सीखी बहुत सी बात, तो क्यों नहीं बयाँ कर सके अपने जज़्बात, हाँ..शायद ये बोलना है बहुत आसान, मुश्किल भी हो सकता है.. लेकिन नामुमकिन तो नहीं था ! दुःख है मुझे एक रत्न के इस जहाँ के छोड़ देने की, लेकिन उम्मीद नहीं थी ऐसी कायरता की । -©दिव्या सेठी 'प्रीत' #SushantSinghRajput #RIP #depression #Nojoto #talkabout #write #Original #grief #Life #lost