दूर कहीं पर तेरा आशियां है जहां रहती है मोहब्बत और खुशियां बेपनाह है ढूंढ़ता हूं मैं तुझको सवालों में अपने जवाबों के जैसे तू मिलती कहां है मेरी हसरतों में,मेरी उल्फतों में दिल की रेत पर सिर्फ तेरे ही निशां हैं गुज़रता हूं अक्सर मैं उन गलियों से तेरी जिनमें तू रहती तो है पर होती कहां है तेरे संग बह रहा हूं मैं हवाओं के जैसा नदियों के जैसी तू ठहरती कहां है बहते रहना ही शायद फितरत है तेरी हवाओं की फितरत भी बदलती कहां है... Abhishek Trehan #door #ashiya #mohobbat #yqdidi #hindipoetry #hindishayari