में अपनी, मैं अपना जहां बसाना चाहूँ प्रेम और विश्वास, पलते हैं जहाँ ऐसा खूबसूरत जहां, क्यूँ ना मैं बनाऊँ खुशियों और शांति का, वहाँ होगा स्थान नफ़रत और अशांति को, दूर मैं भगाऊँ ♥️ Challenge-571 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।