मन्त्रे तीर्थे द्विजे देवे, दैवज्ञे भेषजे गुरौ l यादृशी भावना यस्य, सिद्धिर्भवति तादृशी ।। मंत्र, पवित्र नदी का जल, ब्राह्मण, भगवान्, ज्योतिषी, औषध और गुरु इनके उपर जिसकी जैसी श्रद्धा होगी वैसा उसको फल मिलेगा ©Vimal Pandey Jyotishi ji #Sanskrit #संस्कृतम्