अब भी मेरी उँगलियों को वो लम्स याद हैं जो तेरे चेहरे पर लिखी जिंदगी पढ़ रहे थे अब भी तेरी आँखें मेरी आँखों को नज़र है जो रूह में उतर कर तस्सवुफ़ हो गईं अब भी तेरी साँसें मेरी साँसों में शाद हैं जो सीने में मेरे अक्सर में आज़ान होती हैं वो तिलिस्म वो जादू वो ताज़ल्ली तुझ पर जो तब मरा मैं फिर ज़िंदा ना हो सका खुसर फुसर के आठ साल ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर #अब_खामोशी_को_कहने_दो