औरत - In new Version अपने हक की लड़ाई तुम खुद ही लड़ लिया करो, यूँ रोती-बिलखती औरत तुम शोभा नही देती। अपने हसी को बरकरार रखने के लिए तुम थोड़ा साहस दिखा लिया करो, यूँ बेबस- लाचार औरत तुम शोभा नही देती। अपनी हर कमजोरी को मिटाने के लिए तुम तन और मन की तैयारी करलिया करो, यूँ कमजोर , दूसरे पर निर्भर औरत तुम शोभा नही देती। अपने हर डर को डट कर तुम उसकी औकात दिखा दिया करो, यूँ डरी-सहमी औरत तुम शोभा नही देती। नजरे उठा कर जीने का हुनर तुम भी सिख लिया करो, यूँ नजरे झुकाकर मुजरिम सी खड़ी औरत तुम शोभा नही देती। कभी खुदसे भी मोहब्बत का फर्ज अदा कर लिया करो, यूँ गुलाम सी बंदगी औरत तुम शोभा नही देती। पूरी दुनिया को भूलकर कभी तुम भी खुलकर जी लिया करो, यूँ पिंजड़े में कैद औरत तुम शोभा नही देती। अपने सपनों के प्रति कभी कभार तो ईमानदार हो लिया करो, अधूरी इच्छाओं को समेट कर आई मौत, ए- औरत तुम्हे शोभा नही देती। #औरत_एक_रूप_अनेक #lifequotes #sahasi #feelingstowords #divukikalamse #yqdidi