बहुत दिनों बाद मैंने अपनी डायरी और कलम उठायी लिखने को, लेकिन अचानक से कलम में सियाही खत्म हो गई, मैं उस वक्त डायरी के आखरी पन्ने पर था, तब मुझे उसकी याद आ गई क्यूंकि वो भी मुझे ज़िन्दगी के आखरी मोड़ पर छोड़ कर चली गयी थी, मैं बस यही सोच रहा था के अचानक मेरी आंखों से कुछ बूँदे डायरी के उस आखरी पन्ने पर गिर गई और मेरी डायरी मुकम्मल हो गई। अरमान की कलम से #अरमान साहब #MyDayri #tranding # आशीष त्रिपाठी अश्क Ritika suryavanshi Palvi Chalana Soumya Jain