Covid-19; अर्ज़ है हमारी नज़र! ना जाने कितनों पर है यह कहर, शायद है हर इंसान ही पर! लाखों इसे झेल रहे हैं, हुए वीरान, अकेले पड़े हैं! कुछ को मिलें हैं अस्पताली बिस्तर, तो कई संभाल रहे हैं खुद को अपने ही घर! अजीब सी है ये वबा, साथ लाई है हज़ार विपदा! सबकी है सबपर नज़र, सबकुछ गया है कुछ ठहर, हरकतों में भी है कुछ तो वहशत! उभरी है हर दिल में जो इन पहर! सब लगे हैं ढूँढने वो हर इम्कान, जिससे बचे लोगों की जान! Kudos to them, & hope, shine is near! हालात जो बिगड़े हैं इस क़दर! बेशक मुश्किल है, but its clear, कि शब के बाद तो तय है सहर! जानती हुँ आसान नहीं ये सब, पर हिम्मत तो जुटानी होगी, कमस्कम अब! ज़ाहिर करती बेबसी का आलम आजकल की ये ख़बर, देखो लायी है बेहतरी की दुआएं सबके लबों पर! हयात मांगते उठे हैं हाथ सब, कि पर्वरदिगार, रहम कर! हमने बेबसी के आंसू रोते देखा है, झूझते लोगों को, उनके हमसायों को, और वही उन्हें देखते, उन बेबस डोक्टर्स तक को! इस आज़्माइश से निजात दरकार है, खुदाया अब बस कर! वहीं कुछ हैं जो; वक़्त की नज़ाक़त को किनारा कर, तबाही की चल रही ये दास्तां भूलकर, धुन्धली कर रहे हैं तस्वीर, ये हुक़्मरा, ये सितमगर! कयी लोग तो हैं इनसे भी उपर, क़िल्लत में हैं जो सहूलियात पहले से ही, जेबें अन्धाधुन भर रहे हैं, ये उन्हें बेचकर! यह सब देख इन्सानियत तक शर्मिन्दा है, या खुदाया, अब बस कर! करम कर इस क़ायनात पर, ज़रूरी पैमानों में रहें सब, हिदायत कर! मदद को रुके ना हमारी कोई डगर, ना-उम्मीदी हमसे दूर रहे, क़ायम हो सब्र, है सबकी गुज़ारिश अब, या खुदाया रहम कर! ©Anam Aarfa Ya khudaya Raham kr ! #OneSeason #covidindia #covid19 #anamaarfa #anamhussain #writingcommunity #poetess #Poetry #Khudaya