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मित्रों नमस्ते सुप्रभात ! मेरी कविता का काव्य संग्

मित्रों नमस्ते सुप्रभात !
मेरी कविता का काव्य संग्रह !
कहेगा सुनेगा यह भारत तुम्हारा ।कठिन है डगर यह सहारा किनारा  कब क्या होगा किसको पता है ।सच है कि सब बेसहारा सहारा है ।

कवि सन्तोष कुमार मिश्र #फूड डे
मित्रों नमस्ते सुप्रभात !
मेरी कविता का काव्य संग्रह !
कहेगा सुनेगा यह भारत तुम्हारा ।कठिन है डगर यह सहारा किनारा  कब क्या होगा किसको पता है ।सच है कि सब बेसहारा सहारा है ।

कवि सन्तोष कुमार मिश्र #फूड डे