मित्रों नमस्ते सुप्रभात ! मेरी कविता का काव्य संग्रह ! कहेगा सुनेगा यह भारत तुम्हारा ।कठिन है डगर यह सहारा किनारा कब क्या होगा किसको पता है ।सच है कि सब बेसहारा सहारा है । कवि सन्तोष कुमार मिश्र #फूड डे