ख्वाहिसे चाहतो की पूरी हो, बहूत आसान नही है। मिल जाए मंजिले वो इतना भी परेशान नही है।। अब कहाँ भागते जाओगे मेहनतों की तारीफे सुनने , चुटकी में सफल हो जाओ ये चुटकी का काम नही है।। काम आसान हो जाए , उसपे काम करना पड़ता है। मेहनतों को अपनी , मंजिलो के नाम करना पड़ता है।। मंजिले बेशक कठिन होती है,, बेवफा तो नही पाना है तो ,दिल मे बसाने का,, इंतज़ाम करना पड़ता है।। सुशील