छल से आज झुका लिया मुझे मगर तोड नही सकते, वो प्रचंड तूफान हूँ मै, जिसे तुम मोड़ नही सकते। ठहरा हूँ मै खतम नही हुआ इस सैलाब को रोक नही सकते, हाँ माना आज खामोश हूँ मैं फिर भी मेरा स्वाभिमान तौल नही सकते।। #सम्राट_अनुज #आत्मविश्वास