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तुम्हें कदर नहीं ना मेरी, मैं ना करूं याद तो तुम

तुम्हें कदर नहीं ना मेरी,  
मैं ना करूं याद तो तुम भी नहीं करते।  
कभी पूछते नहीं हाल खुद से,  
मुझे खाती हर पल फिक्र तुम्हारी,  
तुम्हें ज़रा भी नहीं फिक्र मेरी।  
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

मैं आता हूँ तुम्हारे एक बार बुलाने से,  
मैं डरता हूँ तुम्हारे रूठ जाने से।  
गैरों से मिलते हो वक्त निकाल कर तुम,  
मगर मुझसे मिलने में कर देते हो देरी।  
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

तुम नहीं समझते शायद अपना मुझे,  
मेरे होने ना होने से क्या ही फर्क पड़ेगा तुझे।  
तुम्हारी मुस्कान में ढूंढ़ता हूँ अपना सुकून,  
पर तुम्हारे लिए मैं बस एक कहानी अधूरी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

कभी वक्त मिले तो सोच लेना,  
जो दूरियाँ तुमने बनाई हैं वो क्यों हैं।  
शायद मैं नहीं तुम्हारी खुशियों का हिस्सा,  
पर सबसे पहले मिलूंगा जरूरतों पर तुम्हारी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

अब ये फासले बेमानी लगते हैं,  
तुम्हारे बिना भी ये दिल धड़कता है।  
हैं और भी अपने कहने को दुनियां में 
पर सबसे अहम जो दिल को लगता है 
यारा है यारी तेरी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

जब कभी तुम्हें मेरी याद आए,  
तो ये सोचना कि किसे खोया तुमने।  
मैं वहीं रहूँगा जहाँ तुमने छोड़ा,  
बस इंतजार रहेगा, तुम्हारे लौटने का।  
चाहे मिले मुझे गम की रात अंधेरी।
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

©Nikhil Kumar #yun_hi
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी,  
मैं ना करूं याद तो तुम भी नहीं करते।  
कभी पूछते नहीं हाल खुद से,  
मुझे खाती हर पल फिक्र तुम्हारी,  
तुम्हें ज़रा भी नहीं फिक्र मेरी।  
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

मैं आता हूँ तुम्हारे एक बार बुलाने से,  
मैं डरता हूँ तुम्हारे रूठ जाने से।  
गैरों से मिलते हो वक्त निकाल कर तुम,  
मगर मुझसे मिलने में कर देते हो देरी।  
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

तुम नहीं समझते शायद अपना मुझे,  
मेरे होने ना होने से क्या ही फर्क पड़ेगा तुझे।  
तुम्हारी मुस्कान में ढूंढ़ता हूँ अपना सुकून,  
पर तुम्हारे लिए मैं बस एक कहानी अधूरी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

कभी वक्त मिले तो सोच लेना,  
जो दूरियाँ तुमने बनाई हैं वो क्यों हैं।  
शायद मैं नहीं तुम्हारी खुशियों का हिस्सा,  
पर सबसे पहले मिलूंगा जरूरतों पर तुम्हारी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

अब ये फासले बेमानी लगते हैं,  
तुम्हारे बिना भी ये दिल धड़कता है।  
हैं और भी अपने कहने को दुनियां में 
पर सबसे अहम जो दिल को लगता है 
यारा है यारी तेरी 
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

जब कभी तुम्हें मेरी याद आए,  
तो ये सोचना कि किसे खोया तुमने।  
मैं वहीं रहूँगा जहाँ तुमने छोड़ा,  
बस इंतजार रहेगा, तुम्हारे लौटने का।  
चाहे मिले मुझे गम की रात अंधेरी।
तुम्हें कदर नहीं ना मेरी।

©Nikhil Kumar #yun_hi
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Nikhil Kumar

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