लंबों पर सजाकर हम आयेतें कुरान निकलें हैं वतन पर मरने मिटने के लीये अरमान निकलें हैं दुशमन तुले हैं हमारी जान लेने पर तो डरना किया हम भी तो हथेली पर सजाकर अपनी जान निकलें हैं hii