चाह नही मेरी खुशियों पर अपनी खुशियाँ वारो तुम मेरी ख़ातिर अपने सपने जीते जी जिंदा मारो तुम नहीं चाहता घर बैठो मेरे घर का सामान बनो मैं नाम गर्व से ले पाऊँ तुम वो मेरा अभिमान बनो जब तुम बाहर से लौटो तो कुछ मेरी खातिर ले आना मैं जब कुछ लाकर दूँ तुमको आँचल में हँसकर रख लेना बस एक तमन्ना है मेरी कह दूँ तुमसे गर मानो तुम मेरे पापा के पाँव छुओ तो पल्लू सर पर रख लेना :/शंकर ©Shankar Singh Rai तमन्ना #जिल्दसाज़ी