इंसान गलत नहीं होते, इंसान ग़लत नहीं होते ग़लत होते है हालात बेवज़ह नहीं रहती नाराज़ी चुभती है कोई बात हो जाती है गलतियां किसी एक गलती से ग़लत नहीं होता इंसान कभी होता है कुछ ओर समझने वाला समझता है कुछ बढ़ती है गलतफहमीया हवा देता है अँधा समाज आग में सब जलकर राख हो जाए जब रहता नहीं है विश्वास फायदा इसी का उठाते है लोग अपना हित साधे कर देते है बर्बाद आपकी बात का क्या असर हो लोगों को इस से क्या मतलब उनको तो होना है मालामाल सच जान हीं पाते है हम बस किसी के झूठ में फसकर बिना सोचे समझें लगा देते है इल्जाम किसीके कह देनें भर से ग़लत नहीं हो जाते भले इंसान मग़र जीवन भर खलता है झूठा इल्ज़ाम ©Deep bawara #इंसान #nojota #ग़लतफ़हमी #इल्जाम #ग़लत #कविता #RememberingIrrfan