महज़ एक मामूली रस्सी के मोल बिक जाया करती है ज़िन्दगी अक्षर मौत के हाथों।। और इस ज़िन्दगी के लिए लोग ना जाने कितने अपनों को ही दगाह दे दिया करते हैं।। _NARENDRA_SINGH #ye #zindgi_hai_znaab_dgah_hi_deti_hai