चाँद की शिकायतें सुनो ना रात.. समझाओ तुम तारों को, तन्हाई पर मेरी हँसतें हैं, डर कर जो छुप जाऊं बादलों में, टिमटिमाकर बुज़दिल कहतें हैं (शेष अनुशीर्षक में पढ़ें) चाँद की शिकायतें सुनो ना रात.. समझाओ तुम तारों को, तन्हाई पर मेरी हँसतें हैं, डर कर जो छुप जाऊं बादलों में, टिमटिमाकर बुज़दिल कहतें हैं