बहुत धक्के खाएं है तब जाके इस मुकाम पे आएं है पसीने से तर बतर रही है कमर फिर कुछ सुकून के पल हिस्से आएं है जिनकी मुट्ठी में था कभी आसमां वक्त देखिए आज वो मेरे दर पे आएं है हमारे तो कल भी पैर जमीं पे थे आज भी हम शीश झुकाएं है ©JD #धक्के #emptystreets