#kitaab#जिंदगी Life #nayaksblog
जिन्दगी को तो, मैं ख़ुद ही अपने शर्तों पर जी रहा हूं
ढेर सारी परेशानियों में भी, ढेर सारी खुशियों में भी
जिंदगी का अर्थ है भी पास में, अर्थ नही भी है पास में
हर पल मुस्कराते चलते–बढ़ते, चले–बढ़े जा रहे हैं ।
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
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