वो नमकीन सी चाहत, वो खिली मुस्कुराहट। दिल में तेरी दस्तक और पहुँचने की आहट। ख्वाबों में तेरी आवक और रूप की सजावट। होंठों पे मुस्कान लाए और दिल में तरावट। तेरे बदन की गर्मी पर साँसों से मिली राहत। नूर-ए-हुस्न ने तेरे, मेरे दिल में की बसाहट। चासनी सी तेरी बोली, जैसे गुड़ की मिलावट। पिघल गया दिल मेरा, बच गया मैं सलामत। नज़रों के तीर से, तूने दिल को किया आहत। इलाज भी नमुमकिन, न दवा से मिले राहत। ♥️ Challenge-506 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।