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जीवन के हर मोड़ पर कुछ न कुछ खो देते हैं हम कभी च

जीवन के हर मोड़ पर 
कुछ न कुछ खो देते हैं हम
कभी चाहकर, कभी न चाहते हुए
यही नियति है हमारी

हम सब अधूरे लोग हैं
मुकम्मल होते तो ईश्वर की जरूरत न होती
तब शायद दुनिया भी न होती

जानती हो तुम!
सब तय होता है, शास्त्र कहते हैं!
तुम्हारा मिलना, फिर बिछड़ना सब तय था
मेरा दुख तय था और तुम्हारा भी

पर जो तय नहीं था
वो मैंने भर लिया है खुद में
वो तो इस शरीर के साथ ही रहेगा
बस तुम उसे महसूस करती रहना

और हां सुनो, मैं तुम्हें याद करता हूं!!

©ABRAR 
  जीवन और तुम..
#abrarahmad #poem 
aabha Arzooo Niaa_choubey Khushi Saini Anshu writer