ये जो हुस्न तुमने संभाल रक्खा है.... उसपे भी मखमली लिबास डाल रक्खा है.. करने को हमने भी किए काम बहुत.... तेरे लिए सीने से दिल निकाल रक्खा है... तू जो रात को निकले तो लगे चांदनी कोई.. पायल भी बोलने लगे है रागिनी कोई... फिर हवा के झोंके ने किया था परेशान तुम्हे... उड़ा दुपट्टा वो हमने सभाल रक्खा है... ख्वाईश नहीं की, तुमको पा जाएं फिर से और डूब जाए फिर से आंखो में उसके. बेशक बनारस की जोया हो तुम तो... हम भी चंदन है,दिल से निकाल रक्खा है #joya-chandan