ढकती हो जब अपने ऑचल से, मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए... तब लगता है मेरे उर को अक्सर , तुम्हारी दृष्टि का ग्रहण प्रिए... मुस्काने पर लगती हो ऐसे , हो जैसे कोई कहर प्रिए.... ढकती हो जब अपने ऑचल से, मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए.... ©jagat Raghuvanshi #Dildar #dilbechara #Dilchaspi #Dil__ki__Aawaz #Dil