त्याग कर ताम-झाम राम जी की राह थाम घर तेरा मीत तीर्थ धाम कहलायेगा हाल चाल बेमिसाल जीवन रहे निहाल काल के कपाल पे कमाल दिख जायेगा खुशियों का पारावार यार प्यार की बहार भव-मँझधार तभी पार कर पायेगा राम का चरित्र-चित्र उर ढाल लीजै मित्र आपका चरित्र फिर इत्र महकायेगा ©प्रखर पाण्डेय #राममंदिरशिलान्यास