अज़ाब(पीड़ा) ए नेक बन्दे तुझें खुदा के घर जाना है, अज़ाब-ए-क़यामत से बच जाना है, निहायत ही हयात-ए-इम्तहान लेती हैं, ख़ुद से ज़रा तनिक रजा कर जाना है। #साहित्यिक_सहायक #अज़ाब #शायरी #oneliner