Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं तब अपना अधर्

जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!

©Ram babu Ray जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!
जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!

©Ram babu Ray जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!
ramray1626544585734

Ram babu Ray

New Creator