जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं तब अपना अधर्म सोने लगता हैं जब देखता हूँ धर्म को कलंकित अपनी आखों से तब धर्म के आखों से सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!! ©Ram babu Ray जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं तब अपना अधर्म सोने लगता हैं जब देखता हूँ धर्म को कलंकित अपनी आखों से तब धर्म के आखों से सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!