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अनकही बातें भी महसूस हों, ऐसी रूहानियत अब कहाँ मिल

अनकही बातें भी महसूस हों,
ऐसी रूहानियत अब कहाँ मिले।
मिले राहत दर्द-ए-ग़म से,
ऐसी ग़म-ए-हयात अब कहाँ मिले।

              ~Nishat Hashmi #walkingalone #NishhShayari
अनकही बातें भी महसूस हों,
ऐसी रूहानियत अब कहाँ मिले।
मिले राहत दर्द-ए-ग़म से,
ऐसी ग़म-ए-हयात अब कहाँ मिले।

              ~Nishat Hashmi #walkingalone #NishhShayari
nishathashmi0167

Nishh.

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