इन सवालिया नज़रों से हमे क्यों देखते हो हम कोई अपराधी तो नहीं अपनी जंजीरों को तोड़ने वाले हम खुद ही हैं कोई जीते जागते हुनरबाज तो नहीं किया करते थे जो सौदा हमारा उनकी शय्या आज हमने सजाई है अपने कृत्यों की फेहरिस्त हमने उस खुदा को थमाई है।। #सवालिया-नज़रें #Kuchbatein✍️✍️