जरूरत है महबूब की हथेली की, जो रोक सके आंखो के पानी को। जरूरत है महबूब के होंठो की, जो चूम सके भीगी पलकों को। जरूरत है महबूब के आगोश की, जो गले लगाकर कहे तुम्हारे दर्द का हकदार मै भी हू। #महबूब_तलाश में #अनकही_शिकायतें #प्रतीक्षा_में_प्रेम #प्रतीक्षा_में_प्रेम