आँख संसार की हर चीज़ देखती है . मगर आँख के अंदर कुछ चला जाए तो उसे नहीं देख पाती है . _ _ Reality of life a ठीक उसी प्रकार मनुष्य दूसरे की बुराइयां तो देखता है पर अपने भीतर बैठी बुराइयां उसे दिखाई नहीं देती . . !